बीते हुए वे भी क्या दिन हुआ करते थे, सब मिल दीवाली गुरुपर्व ईद मनाते थे। बीते हुए वे भी क्या दिन हुआ करते थे, सब मिल दीवाली गुरुपर्व ईद मनाते थे।
"आओ कि प्रेम करते हुए कुछ निश्चिंत हुआ जाए"... "आओ कि प्रेम करते हुए कुछ निश्चिंत हुआ जाए"...
शंखनाद हुआ शंखनाद हुआ
कभी रोने पर भी पाबंदियां थी तो कभी मुस्कुराने पर भी थे एतराज़ हमसे कभी फ़िज़ूल में कभी रोने पर भी पाबंदियां थी तो कभी मुस्कुराने पर भी थे एतराज़ हमसे कभी...
पतझड़ का मौसम था, कुछ पेड़ों में पत्ते झडे़ थे, कुछ में नए निकल रहे थे, पर , तुम कह पतझड़ का मौसम था, कुछ पेड़ों में पत्ते झडे़ थे, कुछ में नए निकल रहे थे, ...
ना खुदा मिला, ना खुदा के बन्दे मिले, मुर्दों से बदतर कुछ ज़िन्दे मिले ना खुदा मिला, ना खुदा के बन्दे मिले, मुर्दों से बदतर कुछ ज़िन्दे मिले